काल से परे जाने का रहस्य खुलेगा!
वॉशिंगटन,काफी समय से विज्ञान कथाओं का प्रिय विषय रहा काल से परे जाने की यात्रा का रहस्य अब अत्यंत सूक्ष्म कणों के माध्यम से खुलने की संभावना बन गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रहस्य का पर्दा जिनेवा में भूमि के नीचे स्थित लार्ज हाइड्रन कोलाइडर (एलएचसी) में उठ सकता है।
एलएचसी एक भीमकाय वैज्ञानिक उपकरण है, जो पार्टिकल एक्सीलेटर के काम को अंजाम देता है। भौतिकी वैज्ञानिकों ने ‘लांग शॉट’ सिद्धांत में प्रस्ताव किया है कि दुनिया के विशालतम ‘एटम स्मेशर’ का इस्तेमाल टाइम मशीन के रूप में किया जा सकता है। इसके जरिए एक विशेष प्रकार के पदार्थ को गुजरे हुए काल में भेजा जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक विधि की रूपरेखा पेश की है। इस विधि के तहत 27 किमी लंबे एलएचसी का इस्तेमाल अवधारणागत कण को गुजरे हुए काल में भेजने के लिए किया जा सकता है। इस कण को हिग्स सिंग्लेट कहा जाता है।
लाइव साइंस की खबर के अनुसार फिलहाल तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। इनमें यह सवाल भी है क्या हिग्स सिंग्लेट का कोई अस्तित्व है भी या नहीं और क्या इसे मशीन में उत्पन्न किया जा सकता है।
वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय के भौतिकी वैज्ञानिक टाम वेइलर ने एक बयान में कहा कि हमारा सिद्धांत लांग शॉट है, लेकिन यह भौतिकी के किसी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता या इसमें प्रयोगगत कोई बाधा नहीं है।
वॉशिंगटन,काफी समय से विज्ञान कथाओं का प्रिय विषय रहा काल से परे जाने की यात्रा का रहस्य अब अत्यंत सूक्ष्म कणों के माध्यम से खुलने की संभावना बन गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रहस्य का पर्दा जिनेवा में भूमि के नीचे स्थित लार्ज हाइड्रन कोलाइडर (एलएचसी) में उठ सकता है।
एलएचसी एक भीमकाय वैज्ञानिक उपकरण है, जो पार्टिकल एक्सीलेटर के काम को अंजाम देता है। भौतिकी वैज्ञानिकों ने ‘लांग शॉट’ सिद्धांत में प्रस्ताव किया है कि दुनिया के विशालतम ‘एटम स्मेशर’ का इस्तेमाल टाइम मशीन के रूप में किया जा सकता है। इसके जरिए एक विशेष प्रकार के पदार्थ को गुजरे हुए काल में भेजा जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक विधि की रूपरेखा पेश की है। इस विधि के तहत 27 किमी लंबे एलएचसी का इस्तेमाल अवधारणागत कण को गुजरे हुए काल में भेजने के लिए किया जा सकता है। इस कण को हिग्स सिंग्लेट कहा जाता है।
लाइव साइंस की खबर के अनुसार फिलहाल तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। इनमें यह सवाल भी है क्या हिग्स सिंग्लेट का कोई अस्तित्व है भी या नहीं और क्या इसे मशीन में उत्पन्न किया जा सकता है।
वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय के भौतिकी वैज्ञानिक टाम वेइलर ने एक बयान में कहा कि हमारा सिद्धांत लांग शॉट है, लेकिन यह भौतिकी के किसी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता या इसमें प्रयोगगत कोई बाधा नहीं है।
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