Thursday, June 23, 2011

अब हिममानवों के रहस्यों से पर्दा उठाएगा चीन

चीन में अबतक महामानव के मौजूदगी की 400 रिपोर्ट मिल चुकी है। अब चीन के एक रिसर्च संस्था ने येती के रहस्यों से पर्दा उठाने की ठान ली है। चीनी मीडिया में एक विशालकाय मानव के विडियो ने सनसनी मचा दी है। जिसे दुनिया भर के वैज्ञानिक येति या हिममानव बुलाते हैं। इस वीडियो में हिममानव को साफ देखा जा सकता है। एक बार फिर इस वीडियो ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों में खलबली मचा दी है कि क्या हिममानव का अस्तित्व है। क्या हिममानव बर्फीले पहाड़ों में रहते हैं।

चीन के एक रिसर्च संस्था ने फैसला किया है कि येति यानी महामानव के रहस्यों से पर्दा उठाने का समय आ गया है। इसके लिए ये संस्था वैज्ञानिकों की एक टीम बनाने जा रही है जो येति का पूरा सच दुनिया के सामने लाएंगे। हाल ही में चीन के हुबेई प्रांत में हेती के पैरों के निशान देखे जाने की खबर आई


येती

उसी के बाद हुबेई वाइल्ड मैन रिसर्च एसोशिएशन ने ये फैसला किया कि वो इस बार पूरी तैयारी के साथ येति की खोज करेंगे। पहले भी चीन और तिब्ब्त से सटे हिमालय के पहाड़ियों में येती के देखे जाने की खबरें आईं थी। जिसके बाद ही वैज्ञानिकों की टीम उनकी तलाश में एक सर्च ऑपरेशन में जुट गई थीं। लेकिन उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा था। लेकिन उसके बाद भी हिम मानव को देखे जाने की खबरें आईं। अब वाइल्ड मैन रिसर्च संस्था इस बार नई तकनीक के साथ हिममानव के खोज में लग गई है। इसके लिए 5 टीमों का गठन किया जाएगा और पूरे इलाके में कैमरों का जाल बिछाया जाएगा। वैसे जानकारों की मानें तो महामानव का अस्तित्व संभव है इस खोज में तकरीबन एक मिलियन डॉलर की लागत लगेगी और इस संस्था ने ये पैसे भी जुगाड़ लिए हैं। संस्था की मानें तो 70 और 80 के दशक में महामानव के खोज अभियान में कई खामियां थीं। लेकिन इस बार इस टीम में दुनिया भर के बेहतरीन वैज्ञानिक होंगे। जो चीन के साथ साथ नार्थ अमेरिका के बिग फुट के रहस्यों का पता लगाएंगे। पहले की खोज में मिले सबूतों जैसे कि महामानव के पैरों के निशान, उनके बालों के नमूने के आधार पर ये खोजी अभियान शुरू होगा।

ये महामानव अभी तक हमारे लिए एक रहस्य बना हुआ है। पहली बार पूरी तैयारी के साथ वैज्ञानिक इस खोज में जुटेंगे। हो सकता है कि इनका वजूद ही न हो और ये सिर्फ किस्से कहानियों का एक हिस्सा बनकर रह जाए। लेकिन अगर महामानव के वजूद की पुष्टि हो जाती है तो ये तो ये 1930 के बाद से जीव विज्ञान की सबसे बड़ी खोज होगी।
पल भर दिखने के बाद कहां गायब हो जाता है हिममानव

इस रहस्मयी जीव को हिममानव भी कहा जाता है। हिममानव इसलिए क्योंकि ये ज्यादातर बर्फिले इलाके में ही लोगों को दिखता है। तिब्बत और नेपाल के लोग दो तरह के येति के बारे में बाताते हैं। जिसमें एक इंसान और बंदर के हाईब्रिड की तरह दिखता है। ये रहस्यमयी हिममानव दो मीटर लंबा और भूरे वालों वाला होता है और इसका वजन 200 किलो तक होताहै । जबकि दूसरे किस्म का येति समान्य इंसान से छोटे कद का दिखता है। इसके बाल लाल और भूरे रंग के होते हैं।
दोनों ही हिममानवों में एक बात सामान्य है कि ये दोनों ही इंसानों की तरह खड़े होकर चलते है और इंसानों को चकमा देने में माहिर होते है। ये रात में शिकार करते है और दिन में सोते है
दुनियाभर में अलग नामों से जाना जाता है हिममानव
ऐसा नहीं है कि हिमामानव का अस्तित्व सिर्फ एशिया में है। दुनिया भर में हिममानव को सैकड़ों साल से लोग देखने का दावा करते आ रहे हैं। इस रहस्यमयी प्राणी को दुनिया भर के कई इलाके में अलग अलग नामों से जाना जाता है। दक्षिण पश्चिमी अमेरिका में हिममानव को बड़े पैरों वाला प्राणी यानि बिगफुट कहा जाता है जबकि कनाडा में सास्कयूआच अमेजन में मपिंगुअरी और एशिया में येति के नाम से जाना जाता है।

अगर येति का सिर्फ बर्फ में ठिकाना है तो हो सकता है कि येति पहाड़ के किसी गुफा में रहता हो या फिर येति बर्फ में छिपने में माहिर हो तभी तो थोड़ी देर दिखने के बाद वो गायब हो जाता है। येति के अस्तित्व को लेकर तमाम तरह की बातें कही जाती है। ऐसे में पूरी दुनिया में दिखाई देने वाले इस जादुई प्राणी के अस्तित्व से इंकार नहीं किया जा सकता।

हो सकता है कि येति इंसान के ही किसी विकास की कड़ी हो लेकिन तमाम तरह के अत्याधुनिक साधन होने के बाद भी ये प्राणी आज भी इंसान की पहुंच से दूर है। दुनिया भर के वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हैं लेकिन हिममानव के अस्तित्व के बारे में कोई भी पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं।
अब तक कहां कहां दिखा है महामानव

हिममानव को येति के नाम से भी जाना जाता है। कई बार वैज्ञानिकों ने उसे देखने का दावा किया है। लेकिन बर्फिले इलाके में वो कहां रहता है और कहां गायब हो जाता है इसका पता अबतक नहीं चल पाया है। हिममानव के बारे में 1832 में पहली बार बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के एक पर्वतारोही ने कुछ जानकारी दी। पर्वतारोही ने दावा किया कि उत्तरी नेपाल में ट्रैकिंग के दौरान उसके स्थानीय गाइड ने एक ऐसे प्राणी को देखा जो इंसान की तरह दो पैरों पर चल रहा था। उसके शरीर पर घने बाल थे। इसके बाद 1889 में पर्वतारोहियों ने एक समूह से बर्फ में ऐसे किसी प्राणी का फुटप्रिंट देखा जो इंसान की तुलना में काफी बड़ा था।

1925 में एक फोटोग्राफर ने जेमू ग्लेशियर के पास एक विचित्र प्राणी को देखने का दावा किया था। उसकी आकृति इंसान जैसी थी। वो सीधा खड़े होकर चल रहा था और झाड़ियों के सामने रूक-रूक कर पत्तियां खींच रहा था। वो बर्फ में काला दिख रहा था।

येति के बारे में पहली बार ठोस सबूत 1951 में मिला, जब एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने का प्रयास करने वाले एक पर्वतारोही ने 19,685 फीट की ऊंचाई पर बर्फ पर बने पदचिन्हों के तस्वीरों के फोटो लिए। इन फुटप्रिन्टस पर आज भी रिसर्च किया जा रहा है। कई लोग इसे येति की वास्तविकता का बेहतरीन सबूत मानते हैं लेकिन कुछ इसे किसी दूसरे सांसारिक जीव के तौर पर देखते है। 1953 में सर एडमंड हिलरी और तेनजिंग नोर्गे ने भी एवरेस्ट चढ़ाई के दौरान बड़े-बड़े पदचिह्न देखने की बात कही।

फुट प्रिन्ट्स मिलने के बाद 1960 में सर एडमंड हिलरी अपने एक दल के साथ येति से जुड़े सबूतों की खोज में निकल पड़े। इस बार उन्होंने इंफ्रारेड फोटोग्राफी की मदद भी ली, लेकिन 10 महीने तक हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों में रहने के बावजूद उनके हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लगा।

1970 में एक ब्रिटिश पर्वतारोही ने दावा किया कि अन्नपूर्णा चोटी पर चढ़ने के दौरान उन्होंने एक विचित्र प्राणी को देखा और उसकी आवाज भी सुनी। 1998 में एक अमेरिकी पर्वतारोही ने एवरेस्ट से चीन की तरफ से उतरते हुए येति के एक जोड़े को देखने का दावा किया। उस पर्वतारोही के मुताबिक दोनों के काले फर थे और वे सीधे खड़े होकर चल रहे थे। 2008 में भी मेघालय में हिममानव यानी येति को देखने का दावा किया गया। इसके कोई ठोस सबूत आज तक नहीं मिला । हो सकता है इस हिममानव का हिमालय के क्षेत्रों में अस्तित्व हो जो इंसान के सामने नहीं आना चाहाता। ऐसे में जबतक इंसान हिममानव तक नहीं पहुंच जाता ये प्राणी रहस्यमयी दुनिया के लिए एक बड़ा रहस्य बना रहेगा ।

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